# हमारा लक्ष्य न तो राजनीतिक है,न समाजिक ,वह आध्यात्मिक लक्ष्य है। हम जो चाहते हैं वह व्यतिगत चेतना का रूपांतरण है,शाशन या सरकार का परिवर्तन नही । उस लक्ष्य तक पहुचने के लिये ...
इस दुनियां में अनेक प्रकार के धर्म प्रचलित है। लोग अपनी इच्छा के अनुसार अपने धर्म को अपनाते हैं। सारे धर्म मनुष्य को सही राह पर चलने की सिख देते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से मनु...
आखिर जीवन जीने के लिये आदमी को कितना धन चाहिये ? धनवान व्यक्ति भी हिरे-मोती नही खाता। आंख बंद कर लेने के बाद सोने के महल और झोपड़ी ,पलंग और चटाई में कोई फर्क नही रहता ,फिर बहूत ज्...
एक संत नदी में स्नान कर रहे थे। एक बिच्छू पानी मे डूब रहा था। उन्होंने उसे अपनी हथेली पर रख लिया। बिच्छू ने उन्हें डंक मार दिया। बिच्छू पुनः पानी मे गिर पड़ा। सन्त दर्द से करा...
एक राजा था। वह स्वर्ग-नरक के दरवाजे देखना चाहता था। वह एक सन्यासी के पास पहुँचा और अपनी इच्छा बताई। सन्यासी तपस्या में लीन था। वह कुछ नही बोला। राजा ने बार-बार अपना प्रश्न द...
एक बार एक औरत , एक सन्यासी के पास गई और उसने कही 'बाबा ,यह मेरा पुत्र है यह बहूत ही ज्यादा गुड़ खाता है आप इसे समझाये ताकि यह गुड़ खाना छोड़ दें ' इसपर सन...