एक राजा और सन्यासी की प्रेरणादायक कहानी । स्वर्ग क्या है और नर्क क्या है ?


एक राजा था। वह स्वर्ग-नरक के दरवाजे देखना चाहता था। वह एक सन्यासी के पास पहुँचा और अपनी इच्छा बताई। सन्यासी तपस्या में लीन था। वह कुछ नही बोला। राजा ने बार-बार अपना प्रश्न दुहराया ,लेकिन सन्यासी ने कोई उत्तर नही दिया। राजा अपना आपा खो बैठा। उसने सन्यासी पर तलवार से वार कर दिया। सन्यासी ने उसकी कलाई पकड़ ली और बोला :-    'महाराज ,आप नरक के दरवाजे पर खड़े हैं ,क्रोध ही नरक का द्वार है'
     क्रोध में आदमी अच्छे बुरे की पहचान खो बैठता है ,क्रोध में किया गया काम विनाश लाता है

राजा शर्मिंदा हो गया ,वह सन्यासी के पैरों पर गिर पड़ा। वह पश्चाताप करने लगा । सन्यासी बोला:-
'महाराज ,आप स्वर्ग के दरवाजे पर खड़े हैं '

पश्चाताप हमारी आत्मा की मैल धो देता है ,पवित्र आत्मा ही स्वर्ग जा सकती है।
                       🙏 जय श्री राधे राधे

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