एक सन्यासी और औरत की कहानी जो हमे बहूत कुछ सीखा सकती है
एक बार एक औरत , एक सन्यासी के पास गई और उसने कही 'बाबा ,यह मेरा पुत्र है यह बहूत ही ज्यादा गुड़ खाता है आप इसे समझाये ताकि यह गुड़ खाना छोड़ दें '
इसपर सन्यासी बोले ठीक है कल आना।
वह औरत अगले दिन फिर अपने बेटे के साथ उनके पास पहुँची। सन्यासी ने उनके पुत्र से कहा 'बेटा, गुड़ खाना छोड़ दो ,यह स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है '
इस पर वह औरत बोली ,यह तो आप कल भी बोल सकते थे।
इस पर सन्यासी बोले 'मैं कल तक खुद गुड़ खाता था ,फिर इसे कैसे मना कर सकता था ?
" यह बिल्कुल सच है किसी दूसरे को बुरे मार्ग पर चलने से रोकने के लिये पहले हमें खुद बुरे मार्ग पर चलना छोड़ना होगा"
🙏 जय श्री राधे राधे
Comments
Post a Comment