क्या आप अपने आप को बदलना चाहते हैं ? प्रेरणादाई कहानी

*एक बहूत ही प्यारी सामाजिक कहानी*
एक लड़का हर रविवार सुबह एक तालाब  के किनारे दौड़ने जाता था जब भी वह जाता तो देखता की एक बूढ़ी महिला तालाब के किनारे बैठकर कछुयों के पीठ को साफ कर रही होती थी वह लड़का इस घटना को कई बार देखा ।एक दिन उस लड़के से रहा नही गया और महिला के पास जाकर बोला " मैं जब भी यंहा आता हूँ आपको देखता हूँ की आप इन कछुयों के पीठ को साफ कर रही होती हैं ,ऐसा आप क्यो करती हैं "
                महिला ने उस लड़के को जवाब दिया "मेरा हर रविवार को छूटी रहती है और मैं यहां आती हूँ और इन अपने छोटे दोस्तों के कवच को साफ करती हूँ क्योंकि इनके कवच पर कचरा जमा रहने से इनके गर्मी उतप्पन करने की क्षमता भी कम हो जाती है और इनकी कवच भी कमजोर हो जाती है अतः मैं हर रविवार को यंहा आकर इनके कवच को साफ करती हूँ "
               इस पर लड़का बोला यंहा तो बहूत ही ज्यादा कछुए है आपके अकेले करने से क्या होगा ?
                इस पर उस बूढ़ी महिला ने बहूत ही सुंदर जवाब दिया "हमें ये सोचकर कोई काम नही करना चाहिये कि जिस काम को हम कर रहे हैं उससे समाज मे कितनी बड़ी बदलाव आयेगी बल्कि ये सोचकर करना चाहिये कि जिस काम को हम कर रहे हैं उस काम से किसी इन्शान के जीवन मे कितनी बड़ी बदलाव आयेगी "    
                इस कहानी की तरह ही हममे से अधिकतर लोग ये सोचते हैं कि मेरे अकेले करने से क्या होने वाला है ,हमारे समाज में भी अभी बहूत सी बुराइया है जिसे एक साथ मिलकर समाधान किया जा सकता है,हमारे समाज मे भी अभी बहूत से अन्धविस्व्स है ।अगर सबसे ज्यादा जरूरी चीज है तो वो है इस कलयुग को नये युग मे बदलने की।।
                      धीरज वाणी

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